ताऊ देवीलाल को किया नमन।भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के विचारो की प्रासंगिता आज भी

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ताऊ देवीलाल को किया नमन।भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के विचारो की प्रासंगिता आज भी

 


सिरसा ।   भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के विचारो की प्रासंगिता आज भी है इसीलिए अनेक विकसित तथा विकासशील राष्ट्रों द्वारा आज भी इस विचारधारा का अनुसरण किया जाता है। हरियाणा प्रदेश के निर्माण में चौधरी देवीलाल का अहम् योगदान रहा है। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के स्थापना दिवस तथा ताऊ देवीलाल की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के युवा कल्याण निदेशालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ये विचार उभरकर सामने आए। विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, गैर शिक्षक कर्मियों और विद्यार्थियों ने बढ-चढ कर भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के युवा कल्याण निदेशिका डॉ0 मंजू नेहरा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की खासियत ये रही की इस कार्यक्रम में चौधरी देवीलाल के साथ काम कर चुके या उनके साथ रह चुके उनके साथियों को बतौर विशिष्ठ अतिथि आमंत्रित किया गया।  

    

        इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक, कुलसचिव डॉ. राकेश वधवा, प्रोफेसर सुरेश गहलावत तथा चौधरी देवीलाल के सानिध्य में रहे उनके साथी  शिव नारायण ढिल्लो, इंद्राज साहू, रामलाल बागड़ी तथा जगरूप सिंह ने चौधरी देवीलाल की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। सिरसा के आस-पास के क्षेत्र की वयोवृद्ध हस्तियों ने चौधरी देवीलाल के साथ बिताए गए अनेक लम्हों को युवा पीढी के साथ सांझा किया ताकि वे चौधरी देवीलाल से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ सके। 
           इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि वे सिरसा की इस धरती को नमन् करते है और कहा की चौधरी देवीलाल द्वारा सुझाया गया विकास का मॉडल आज भी प्रासंगिक है और इसे अनेक विकसित तथा विकासशील राष्ट्रों द्वारा अपनाया गया है। उनकी सोच थी की विभिन्न जन कल्याणकारी  योजनाएं जन-जन तक पहुचें। उनका जीवन संघर्ष तथा त्याग के परिचय की मिसाल रहा है  और वे वो महान हस्ती थे जिन्होंने राष्ट्र विकास को प्राथमिकता देते हुए भारत के प्रधानमंत्री के पद को भी ठुकरा दिया था। उन्होने हरियाणा के हितों की पैरवी की और हरियाणा के गठन में उनका अहम् योगदान था। हरियाणा के मॉडल को आदर्श मानते हुए छतीसगढ़, झारंखड और तेलंगाना आदि राज्यों की स्थापना की गई ताकि कम क्षेत्रफल एवम् प्रसासकीय दक्षता के साथ इन राज्यों का हरियाणा राज्य की तर्ज पर विकास सुनिश्चित किया जा सके। कुलपति ने कहा कि चौधरी देवीलाल के आदर्शों पर चलकर युवाओं की ऊर्जा को चैनालाइज करके विश्वविद्यालय का विकास सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है। 
           इस अवसर पर दड़बा गांव से सेवानिवृत प्रधानाचार्य इंद्राज सिंह ने चौधरी देवीलाल को गरीबों के मसिहा की संज्ञा दी और उनके जीवन से संबंधित अनेक जाने अनजाने पहलुओें से अवगत करवाया। उन्होने बताया कि चौधरी देवीलाल जी का भारत को आजाद करवाने में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे कहते थे की "खोटा रूपया लौटे में, अंग्रेज गए टोटे में"। स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान वे अनेक बार जेल भी गए। उनका जीवन संघर्षशील रहा है और बुढापा पेंशन उन्ही की देन है। इस अवसर पर रूपावास से शिव नारायण ढिल्लों ने भी अनेक प्रशासकीय तथा चुनाव प्रबंधन के अनुभव उपस्थित जनों से साँझा किए।
            इस अवसर पर डबवाली से पहुंचे चौधरी देवीलाल के साथी जगरूप सिंह ने कहा कि ताऊ के नाम से देशभर मे विख्यात चौधरी देवीलाल ने कभी जात पात की राजनीति नही की और वे सर्वजन हिताय में विश्वास रखते थे और कहते थे कि लोकराज लोकलाज से चलता है। उन्होने हरिजन चौपाल के निर्माण के आदेश दिए ताकि समाज का सम्पूर्ण विकास हो सके शिक्षा को बढावा देने के क्षेत्र में भी अनेक फैसले उन द्वारा लिए गए और किसानों के कर्जे माफ किए गए।  
डबवाली से आए रामलाल बागड़ी ने कहा कि चौधरी देवीलाल किंगमेकर थे और पैसे के पीछे कभी नहीं भागें।  युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। 
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चौपटा में ताऊ देवीलाल को किया नमन
नाथूसरी चौपटा।  किसान मसीहा  ताऊ देवीलाल की पुण्यतिथि पर  नाथूसरी चौपटा स्थित चौक पर स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।  ताऊ देवीलाल अमर रहे के गगनभेदी नारों के साथ उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलने का सभी जेजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रण लिया। जजपा कार्यकताओं ने कहा कि चौधरी देवीलाल ने हमेशा गरीब मजदूर किसान कमेरे वर्ग के हित के लिए कार्य किया है उसके उत्थान में अहम योगदान दिया उनके इस कार्य के लिए पूरा समाज उनको सदियों सदियों तक याद करता रहेगा ।  कार्यक्रम में भाग लेने वाले जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राधेश्याम शर्मा , डॉक्टर हरिसिंह भारी, सुरेंद्र बैनीवाल, नंदलाल बैनीवाल, युवा जिला अध्यक्ष अजब ओला, अनिल कासनियां, रणजीत बाना, महिला नेत्री प्रमिला शर्मा, हनुमान  कासनियां, प्रेम कुकरेजा, कृष्ण शाहपुरिया, त्रिलोक पूनिया, सतपाल बैनीवाल, बलबीर कासनियां, हीरालाल स्वामी,  संजीव गोयल एडवोकेट, सतवीर साहू जोगीवाला, जगदीश गोदारा, पवन गहलोत नाथूसरी सहित अनेक जननायक जनता पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

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