गर्मी का मौसम शुरू होते ही गांव कुम्हारिया में जोहड़ लगे सूखने, पशुओं के लिए पीने के पानी का संकट गहराया। जोहड़ में बचा गंदा और बदबूदार पानी पीने से मवेशी हो सकते हैं बीमार

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गर्मी का मौसम शुरू होते ही गांव कुम्हारिया में जोहड़ लगे सूखने, पशुओं के लिए पीने के पानी का संकट गहराया। जोहड़ में बचा गंदा और बदबूदार पानी पीने से मवेशी हो सकते हैं बीमार

 


                                 Reporting by-- Chopta plus Naresh Beniwal 9896737050

गर्मी का मौसम शुरू होते ही गांव कुम्हारिया में जोहड़ लगे सूखने, पशुओं के लिए पीने के पानी का संकट गहराया।

ग्रामीण बोले: जोहड़ में बचा है गंदा और बदबूदार पानी, गंदा पानी पीने से मवेशी हो सकते हैं बीमार
नाथूसरी चोपटा। खंड के गांव कुम्हारिया के जोहड़ो में पानी की कमी से पशुपालकों व किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जोहड़ में पानी बिल्कुल ही कम मात्रा में बचा है वह भी गंदा और हरा हो गया है।  जिसे पीने से पशुओं में बीमारी फैलने का डर भी बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी शुरू होते ही पशुओं के लिए पीने के पानी की किल्लत पैदा हो गई है आगे गर्मी का मौसम आने पर तो उन्हें काफी दिक्कत होगी। सरकार व प्रशासन को पशुओं के पीने के पानी की किल्लत को दूर करना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। 



ग्रामीण राजकुमार, जगदीश चंद्र, महावीर, महेंद्र सिंह ,  कृष्ण कुमार का कहना है कि गांव में तीन जोहड़ बने हुए हैं एक जोहड़ तो आमतौर पर सूखा ही रहता है लेकिन दो जोहड़ों में पशुओं के पीने के लिए पानी एकत्रित किया जाता है। इस बार सरकार ने नहरी पानी में कटौती कर दी है नहरों में पानी कम मात्रा में आने के कारण जोहड़ में पानी नहीं डाला जा रहा है। ऐसे में गर्मी शुरू होते ही जोहड़ सूखने लगे हैं । इनका कहना है कि पशुओं को जब पानी पिलाने के लिए आते हैं तो पानी की बजाए जोहड़ में गाद ही बची है। और जो पानी थोड़ा  बचा है वह हरा और गंदा हो गया है। जिसमें बदबू आती है इससे पशुओं को बीमारी फैलने का भी डर भी लगा रहता है इसमें दोनों जोड़ों में बिल्कुल ही थोड़ी मात्रा में पानी बचा है गंदगी भरा और बदबूदार हो गया है। सरकार द्वारा पानी में कटौती करने से गांव के जल घर में भी पानी कम है। जिससे  पानी की सप्लाई होती है वह मनुष्यों के पीने के ही काम आता है पशुओं को भी को नहीं पिलाया जा सकता। इनका कहना है कि अभी गर्मी का मौसम तो शुरू हुआ है तब भी इतनी बड़ी पानी की किल्लत हो गई है आगे भयंकर गर्मी के महीने में तो पशुओं के लिए पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि पशुओं के पीने के पानी की कमी को देखते हुए गांव के जोहड़ों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए वरना तो पशुओं के पीने के पानी की कमी के साथ-साथ गंदे और बदबूदार पानी पीने से पशु बीमार भी हो सकते हैं। इनका कहना है कि गांव में करीब दो हजार मवेशी पाले जाते हैं इनको गर्मियों के मौसम में पीने के पानी व नहलाने की ज्यादा जरूरत होती है अब जोहड़ में भी पानी नहीं है तो ऐसे में पशुपालक अपने मवेशियों को कैसे पाल सकेंगे।







गांव में जोहड़ो में पानी कम बचा है नहरी पानी में कटौती करने के बाद नहरों में पानी 15 दिन के बाद आ रहा है जिससे जोहड़ में पानी नहीं डलवाया जा सका है। अब नहर में पानी आने के बाद जोहड़ में पानी डलवाया जाएगा जिससे पानी की पूर्ति हो सकेगी। जिससे पशुओं को परेशानी कम हो जाएगी इसके अलावा गांव के जलघर में लगे नलकूप से भी पानी जोहड़ में डलवाने का प्रबंध किया जा रहा है। गर्मी के मौसम को देखते हुए पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना जरूरी है।--- सीताराम डारा सरपंच प्रतिनिधि गांव कुम्हारिया

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