नाथूसरी चौपटा अनाज मंडी में आढ़तियों के पास नहीं है वुडन कैरेट।। जमीन पर पड़ा है गेहूं।। बिना साफ-सफाई के बैगों में भरा जा रहा है गेहूं।

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नाथूसरी चौपटा अनाज मंडी में आढ़तियों के पास नहीं है वुडन कैरेट।। जमीन पर पड़ा है गेहूं।। बिना साफ-सफाई के बैगों में भरा जा रहा है गेहूं।

 नाथूसरी चौपटा अनाज मंडी में आढतियों के पास एक भी वुडन कैरेट नहीं है जमीन पर पड़ा गेहूं नमी से हो रहा है खराब, बारदाने की कमी और बारदाना भी पुराना और गली सड़ी अवस्था में




मात्र 80000 क्विंटल गेहूं का  हो सका है उठान
नाथूसरी चोपटा। अनाज मंडी नाथूसरी चौपटा में 1 लाख 80 हजार क्विंटल गेहूं की आवक हुई है। जिससे मात्र 80000 क्विंटल गेहूं का उठान हो सका है । लेकिन अव्यवस्थाओं के बीच गेहूं की आवक जारी है मंडी में मौसम खराब होने पर बारिश आंधी से गेहूं को बचाने का कोई भी इंतजाम नहीं किया गया है । आढतीयों के पास ना तो वुडन कैरेट है और ना ही पर्याप्त मात्रा में तिरपाल की व्यवस्था की गई है। पिछले 2 दिन से मौसम में आए बदलाव  से गेहूं के खराब होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। उधर अनाज मंडी में बारदाना भी काफी पुराना है और बारदाने की कमी भी है। जिसको लेकर करीब 100000 क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। खरीद एजेंसी का बारदाना भी नहीं है। नाथूसरी चौपटा अनाज मंडी में गेहूं की बोरियों के ढेर बिल्कुल जमीन पर लगाए हुए हैं। थोड़ी बारिश होने पर भी नीचेेेे पानी जाने से गेहूंं खराब हो सकता है। मार्केट कमेटी अधिकारियों व  हैफैड केे कर्मचारियों से बात की गई तो उनका स्पष्टट कहना है कि आढतीयों  को लाइसेंस देते समय स्पष्टट किया जाता है कि गेहूंं को नमी से बचाने के लिए वुडन करेट और तिरपाल की व्यवस्था उन्हें करनी होगी। नाथूसरी चौपटाा अनाज मंडी में करीब 26 आढतीयों के लाइसेंस है लेकिन पूरी अनाज मंडी में एक भी 1 कैरेट नहीं है और त्रिपाल की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है ऐसे में आढ़तियों द्वारा किसानों की मेहनत और सरकार को चुना लगाया जा रहा है। 


खुले आसमान के नीचे गेहूं पड़ा है। मंडी में खरीद एजेंसी हेफैड द्वारा गेहूं खरीदा जा रहा है लेकिन बारदाना एजेंसी का नहीं है बारदाना भी पूरी तरह से पुराना और गली सड़ी अवस्था में है लेकिन इस और ना तो मार्केट कमेटी के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही खरीद एजेंसी। मार्केट कमेटी और खरीद एजेंसी के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही की वजह से किसानों के खेतों से आया गेहूं बिना साफ-सफाई के बैगों में भरा जा रहा है।



नाथूसरी चौपटा अनाज मंडी में 180000 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है और अभी आवक जारी है।   80000 क्विंटल गेहूं का उठान किया जा चुका है।  गेहूं को नमी से बचाने के लिए आढ़तियों को  वुडन कैरेट और तिरपाल की व्यवस्था करनी होती है जिसका लाइसेंस देते समय स्पष्ट उल्लेख होता है आढतीयों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । सफाई की व्यवस्था भी आढ़तियों को करनी होती है। खराब गेहूं और बिना साफ सफाई के गेहूं बैगों में डालने के कारण एजेंसी द्वारा 60 बैग वापिस कर दिए गए हैं। -- संजय कुमार परचेज़र खरीद एजेंसी हैफैड


अनाजमंडी में भले ही प्रशासन पूरे प्रबंध के दावे कर रहा है लेकिन मंडी में जाकर देखा जाए तो यह दावे खोखले होते जा रहे है। मंडी में हजारों टन गेहूं खुले में पड़ा है। बदलते मौसम के अनुसार अगर बारिस हो जाती है तो गेहंू को को ढकने के लिए आढतियांे के पास कोई व्यवस्था नही। पिछले दिनों हुई बूंदाबांदी के बावजूद किसी भी आढ़ती ने गेहूं की बोरियों को नही ढका। जिसकी वजह से ढेरी में पड़ा गेहू निचे के हिस्से में खराब होकर गलने शुरू हो गया है। खुले में पड़ी गेहंू की ढेरियों को निचे से खदेड़कर देखा जाए तो नमी की वजह परत बनी हुई। जल्द उठान नही हुआ तो गेंहू में बदबू आनी शुरू हो जाएगी। 

फोटो। खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं, बिना साफ-सफाई के सीधे किसानों के खेतों से आए गेहूं को बोरियों में बढ़ते हुए मजदूर, पुराना और गली सड़ी अवस्था में पड़ा बारदाना

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