राजस्थान के भरतपुर में 14 साल के किशोर से कुकर्म के मामले में निलंबित जज जितेंद्र गुलिया को न्यायाधीश के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। उसका मेडिकल करवाने के बाद उसे सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-3 रेखा चौधरी के आवास पर पेश किया गया। शनिवार को अवकाश था। इसलिए उसे न्यायाधीश के आवास पर पेश किया गया। गुलिया को सेवर जेल भेजने के आदेश दिए गए। जहां से उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है।
शनिवार सुबह अभियुक्त गुलिया को मथुरा गेट थाने से सीधा जांच अधिकारी सीओ सतीश वर्मा के ऑफिस ले जाया गया। वहां पूछताछ और कागजी कार्रवाई पूरी कर अस्पताल ले जाया गया। उसका मेडिकल हुआ, फिर कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया गया। जांच रिपोर्ट आने तक उसे जेल में क्वारेंटाइन रखा जाएगा।
जितेंद्र गुलिया ने अनुसंधान अधिकारी द्वारा की गई पूछताछ में अपनी जाति छुपाई। पहले अपने आप को ओबीसी में होना बताया। जांच अधिकारी की बात गुलिया के पिता से हुई तब खुलासा हुआ की वह ओबीसी में नहीं, एससी में आता है। गुलिया ने बताया की उसके पिता एससी हैं और मां ओबीसी। इससे पहले बयानों में गुलिया अपने आप को ओबीसी में होना बता रहा था। जबकि उसके सर्विस रिकॉर्ड में एससी दर्ज है।
अभियुक्त गुलिया ने न्यायाधीश रेखा चौधरी को बताया की उसकी गर्दन में दर्द है। उसे सोने के लिए तकिया चाहिए होता है। इसके अलावा, उसे कई अन्य छोटी-मोटी बीमारियां हैं। इसकी वजह से उसे रोज दवाएं लेनी पड़ती हैं।इसके लिए गुलिया ने प्रार्थना पत्र भी लगाया है। गुलिया को तीन दिन पहले जयपुर से गिरफ्तार किया गया था।
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