चौपटा क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी से परेशान किसानों की उमड़ी भीड़, महिलाएं भी लगी लाइन में, घंटों लाइनों में खड़े रहने के बावजूद बिना खाद के घर वापिस लौटे किसान, जानिए वजह...

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चौपटा क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी से परेशान किसानों की उमड़ी भीड़, महिलाएं भी लगी लाइन में, घंटों लाइनों में खड़े रहने के बावजूद बिना खाद के घर वापिस लौटे किसान, जानिए वजह...




चोपटा । राजस्थान की सीमा से सटे चोपटा क्षेत्र में डीएपी खाद की कमी के कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । खेतों में काम के समय में किसानों को विक्रय केंद्रों पर घंटों लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है इसके बावजूद भी सैंकड़ों किसानों को खाद नहीं मिली। बिना खाद के वापिस घर लौटना पड़ा। खाद लेने के लिए गांवों से महिलाओं को भी चोपटा स्थित खाद विक्रय केन्द्रों पर आना पड़ा। इन्हें भी खाद के बैग नहीं मिले। नाथूसरी चौपटा स्थित इफको विक्रय केंद्र के ब्रांच मैनेजर  लालचंद गोदारा का कहना है कि इंटरनेट सेवा धीमी चलने के कारण खाद्य वितरण में देरी हो रही है। खाद की कमी से परेशान किसानों का कहना है कि किसान हितेषी का ढोंग करने वाली सरकार बिजाई के समय में भी पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध नहीं करवा पा रही है।



 राजस्थान की सीमा से सटे चौपटा खंड में इस समय गेंहू की बिजाई का समय चल रहा है बिजाई के समय डीएपी खाद की आवश्यकता होती है लेकिन पिछले कई दिनों से क्षेत्र में खाद की भारी किल्लत चल रही है । विक्रय केंद्रों पर किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ता है तथा इसके बावजूद भी खाद नहीं मिलती। किसान होशियार सिंह , राकेश कुमार,  हनुमान सिंह , सुरेंद्र , मंतूराम, राजेंद्र, रामस्वरूप ओमप्रकाश धर्मपाल राकेश सोहनलल  सरिता देवी कमलेश सतपाल सिंह, राजीव,, पंकज, सतीश, भंवरलाल, भीम सिंह, अनिल कुमार, कालूराम , मांगेराम, निहाल सिंह, राजवीर, शंकरलाल, नरेंद्र, शक्ति सिंह , जनक सहित लाइनों में लगे सैकड़ों किसानों ने बताया कि चौपटा क्षेत्र के कुम्हारिया, कागदाना, शक्कर मंदोरी, रामपुरा ढिल्लों, रामपुरा बगड़िया, गिगोरानी, दड़बा कलां नाथूसरी कलां , लुदेसर,  हजीरा इत्यादि गांवों के किसान खाद लेने के लिए  चोपटा स्थित इफको केंद्र के सामने लाइन में लगे हुए हैं । 








सुबह जल्दी उठकर लाइन में लग जाते हैं लेकिन शाम तक खाद नहीं मिलती । इनका कहना है कि सरकार एक तरफ तो साल 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर रही है लेकिन कभी नहरी पानी में कटौती कर देती है और कभी पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध नहीं होते । इस समय सरसों और गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद की सख्त आवश्यकता है। लेकिन खाद नहीं मिल रही है इस समय खेतों में काम का समय चल रहा है तो दूसरी तरफ खाद लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने और सुबह खाली पेट लाइन में लगते हैं और शाम तक लाइन में लगने के बावजूद भी खाद नहीं मिलती और जब मिलती है तो एक किसान को मात्र चार या पांच बैग डीएपी खाद के दिए जा रहे हैं जिससे सरसों और गेहूं की बिजाई करना काफी मुश्किल काम हो गया है । इनका कहना है कि सरकार को तुरंत खाद उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि समय पर सरसों व गेहूं व अन्य फसलों की बिजाई की जा सके। 


खाद की कोई कमी नहीं है, 1400 बैग डीएपी खाद के आए हुए है लेकिन इंटरनेट धीमा चलने के कारण वितरण में देरी हो रही है । इंटरनेट की स्पीड तेज होते ही सभी किसानों को खाद वितरित कर दी जाएगी। रोज 50 से 60 किसानों को डीएपी खाद वितरित की जा सकती है। खाद के बैग  सही तरीके व जल्दी  वितरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। --- लालचंद गोदारा, ईफको ब्रांच मैनेजर नाथूसरी चौपटा

फोटो । नाथूसरी चौपटा स्थित इफको  विक्रय केंद्र के सामने डीएपी खाद लेने के लिए लगी किसानों की लंबी लाइनें, खाद की बारी आने के इंतजार में बैठी महिलाएं, किसानों की  उमड़ी भीड़ 

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