गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से 100 एकड़ नरमे की फसल जलमग्न, किसानों ने की नुकसान की भरपाई की मांग

Advertisement

6/recent/ticker-posts

गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से 100 एकड़ नरमे की फसल जलमग्न, किसानों ने की नुकसान की भरपाई की मांग



 गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से 100 एकड़  नरमे की फसल जलमग्न, किसानों ने की नुकसान की भरपाई की मांग

चोपटा। खंड के गांव लुदेसर के पास बरवाली नहर टूटने से करीब 100 एकड़ में‌ नरमे की फसल जलमग्न हो गई। इसके साथ ही नलकूपों में पानी भरने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने नहर टूटने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है। किसानों ने नहर टूटने के सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने नहर को पीछे से बंद करवा कर नहर की दरार को पाटने का काम शुरू किया। लेकिन दरार करीब 80 फुट चौड़ी होने के कारण शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका। भजनलाल गाट, बंशीलाल गाट,जयवीर गाट , राजपाल सहारण, सौरभ गाट , हंसराज जांगड़ा, बलवान गाट सहित कई किसानों ने बताया कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से महंगे दामों पर बीज लाकर नरमे की फसल की बिजाई की थी। लेकिन अचानक नहर टूटने से उनकी 100 एकड़ में नरमे की खड़ी फसल चौपट हो गई। एक महीने पहले ही बिजाई की थी अभी पौधे काफी छोटे हैं और पानी भरने से बिल्कुल भी खराब हो जाएंगे। 


उन्होंने बताया कि उनके खेतों में लगे कि नलकूपों में पानी भर गया है वह बिल्कुल खराब हो गए हैं। किसानों ने बताया कि बरवाली नहर करीब 8:00 बजे टूट गई थी सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को उसी वक्त सूचित कर दिया गया लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी काफी लेट पहुंचे तब तक करीब 100 एकड़ नबी की फसल में पानी भर गया। किसानों का कहना है कि  महंगे  दमोह पर खाद, बीज, दवाइयां  इत्यादि लाकर बड़ी मुश्किल से नरमे की फसल की बिजाई की थी। उन्हें तो काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने नहर टूटने से हुए नुकसान की भरपाई की मांग की है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने नहर की दरार को पाटने का काम शुरू किया लेकिन शाम तक नहर को नहीं बांधा जा सका।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ